21-day In-Service course for PRT (Music)
निदेशक की कलम से....
श्रीमती शाहिदा परवीन
पाठ्यक्रम निदेशक उपायुक्त/निदेशक
के.वी.एस.ज़ीट, मुंबई
.राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में उल्लेखनीय परिवर्तन लाने पर बल देती है ताकि सार्वभौमिक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित की जा सके। एनईपी 2020 के शैक्षणिक पहलुओं को देखते हुए इसमें विभिन्न शिक्षाशास्त्रों को अपनाने पर जोर दिया गया है, जैसे कि अनुभवात्मक, आनंदमय, एकीकृत, अंतर-पाठ्यचर्या, परियोजना आधारित शिक्षा इत्यादि । एनईपी 2020 में कला एकीकरण भली-भांति निहित है। शिक्षाशास्त्र के रूप में कला के गुणों को इस प्रकार बताया गया है: “कला-एकीकरण एक क्रॉस-पाठ्यचर्या शैक्षणिक दृष्टिकोण है जो विषयों में अवधारणाओं को सीखने के आधार के रूप में कला और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं और रूपों का उपयोग करता है”|
संगीत शिक्षाशास्त्र के कार्य
संगीत के सभी क्षेत्रों में क्षमता,
ज्ञान, अनुभव, समझ और
व्याख्या पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जैसे कि संगीत शिक्षाशास्त्र में संगीत
शिक्षा, सिद्धांत, शिक्षण और
संगीत में निर्देश की संबंधित अवधारणाएं शामिल हैं, हालांकि उनके भेद न तो स्पष्ट हैं और न ही सहमतिपूर्ण हैं।
यह प्रशिक्षणशिविर संगीत शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जिसमें सभी को संगीत शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम
उपयुक्त पाठ्यक्रम और शैलियों का परिचय मिलेगा । इस प्रशिक्षण में न केवल शिक्षण
विधियों और उपकरणों का परिचय कराया जाएगा , बल्कि विभिन्न सामग्रियों को सही तरीके से उपयोग करने के
लिए भी प्रेरित किया जाएगा ।
दिनांक 17.02.2024 से 08.03.2024 तक आंचलिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
मुंबई में आयोजित प्राथमिक शिक्षक संगीत के लिए 21 दिनों
के सेवाकालीन प्रशिक्षण शिविर में पाठ्यक्रम निदेशक के रूप कार्य करना
मेरा सौभाग्य है और साथ ही मुझे एक सुनहरा अवसर भी प्राप्त हुआ है।
मैं केन्द्रीय विद्यालय संगठन के प्रति आभार व्यक्त करती हूँ कि उन्होंने
मुझे इस प्रशिक्षण शिविर में बतौर निदेशक कार्य करने का अवसर प्रदान किया।
इस प्रशिक्षण शिविर
में 19 क्षेत्रीय कार्यालयों के कुल 29 प्रतिभागियों ने भाग लिया और मेरे अलावा, एक समन्वयकऔर दो
संसाधकों के गतिशील मार्गदर्शन में पाठ्यक्रम का संचालन किया गया।
इस सेवाकालीन प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों
के व्यवसायिक कौशलों के विकास
हेतु शैक्षणिक एवं प्रशासनिक सत्रों का आयोजन
किया गया जिनके अंतर्गत व्यापक चर्चा एवं
प्रतिक्रियाएं कराई गयी हैं , जिनका संगीत शिक्षकों को अपने स्कूल में सामना करना पड़ेगा और इन नियमों
का पालन कैसे करना हैं इस विषय में जानकारी दी गई |
इस प्रशिक्षण शिविर के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के पश्चयात
, मैं
आश्वस्त हूं कि अब वे सभी पाठ्यचर्या,
सह-पाठ्यचर्या,
और पाठ्येतर गतिविधियों,
आधिकारिक निहितार्थ,
और छात्रों, अभिभावकों, स्कूल और समाज
के प्रति उनकी जिम्मेदारियों के ज्ञान से समृद्ध हो गए हैं।
मैं अपने उन सभी
सहयोगियों की बहुत आभारी हूँ जिन्होंने इस पाठ्यक्रम को एक बड़ी सफलता प्रदान
की। दोनों संसाधक,
डॉ. ममनून फातमा और श्री.
सचिन परदेशी,
प्राथमिक शिक्षक (संगीत) ने अपने अथक प्रयासों और समर्पण से
इस सेवाकलीन प्रशिक्षण शिविर को सर्वोत्तम तरीके से पूरा करना
संभव बनाया है।
प्रशिक्षण शिविर के सभी प्रतिभागियों ने शब्दों और कार्यों
में अनुकरणीय चरित्र का प्रदर्शन किया और मुझे यकीन है कि वे अपने स्कूल में
स्वयं को अधिक प्रभावी शिक्षक साबित
करेंगे।
उन सभी को शुभकामनाएं।
श्रीमती शाहिदा
परवीन
पाठ्यक्रम निदेशक उपायुक्त/निदेशक
के.वी.एस.ज़ीट, मुंबई
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